दुनिया की सबसे प्राचीन और वैज्ञानिक भाषा "संस्कृत" मानी जाती है। इस भाषा की व्याकरणिक नींव जिस महान विद्वान ने रखी, उनका नाम था महर्षि पाणिनि। उन्होंने "अष्टाध्यायी" नामक ग्रंथ में आठ अध्यायों के माध्यम से बताया कि भाषा कैसे बोली जाए, पढ़ी जाए और लिखी जाए।
“The history of linguistics begins not with Plato or Aristotle, but with the Indian grammarian Panini.” – Rens Bod
भाषा वह माध्यम है जिससे हम अपने विचारों को दूसरों तक पहुँचाते हैं और दूसरों के विचारों को ग्रहण करते हैं। यह मानव समाज की आत्मा है। "भाषा" शब्द संस्कृत के "भाष्" धातु से बना है, जिसका अर्थ है "बोलना" या "कहना"।
भाषा के दो रूप होते हैं:
“जो समाज अपनी भाषा से कट जाता है, वह अपनी ज़मीन से कट जाता है।”
क्या लिपि भाषा होती है? नहीं। उदाहरण:
देवनागरी: हिंदी बेहतरीन भाषा है।
रोमन: Hindi behtareen bhasha hai.
क्या शब्द भाषा होते हैं? नहीं। उदाहरण:
"ये रूम एयर-कंडीशनर है।"
यहाँ अंग्रेज़ी शब्द हैं लेकिन व्याकरण हिंदी का है। इसलिए यह हिंदी वाक्य है।
हिंदी में कई भाषाओं से शब्द आए हैं:
दो भाषाओं के मिश्रण से बने शब्द:
भाषा किसी धर्म की नहीं होती, वह एक इलाक़े की होती है। व्याकरण भाषा की आत्मा है और शब्द उसके रंग। लिपियाँ बदल सकती हैं, शब्द आ सकते हैं, पर भाषा की पहचान उसकी संरचना से होती है।
“शब्द भाषा के रंग हैं और व्याकरण उसकी आत्मा।”