किसी भाषा में प्रचलित वाक्यांश या पद समूह, जो अभिधा या शाब्दिक अर्थ से भिन्न लक्षणायुक्त विशेष अर्थ देता है, मुहावरा कहलाता है। अतः विद्यार्थियों, लेखकों को इनका ज्ञान होना आवश्यक है। यहाँ हम कुछ प्रमुख मुहावरे प्रस्तुत कर रहे है।
मुहावरें | अर्थ |
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अग्नि-परीक्षा | कठिन जाँच। |
अग्नि-कांड | आग लगना। |
अक्ल के पीछे लट्ठ लिए फिरना | मूर्खता करना। |
आग में से गुजरना | कठिनतम परिस्थिति में निर्वाह करना। |
अक्ल का पुतला | अधिक बुद्धिमान। |
अक्ल चकराना | कुछ समझ में न आना। |
अक्ल का दुश्मन | मूर्ख। |
अपने पैरों पर खड़ा होना | किसी का आश्रय न लेना। |
अपनी नींद सोना, अपनी नींद जागना | निश्चिंत रहना। |
अरण्य रोदन | ऐसी बात कि जिस पर कोई ध्यान न दे। |
आसमान के तारे तोड़ना | असंभव कार्य करने का प्रयत्न करना।। |
आसमान टूट पड़ना | अकस्मात् ही विपत्ति आना। |
आटे के साथ घुन पिसना | अपराधी के साथ निरपराध को भी दंड मिलना। |
आग में घी डालना | क्रोध भड़काना। |
आस्तीन का साँप | विश्वासघाती। |
आँख लाल करना | क्रोध करना । |
आँखों में घर करना | अधिक प्रेम करना। |
आँखें बंद होना | मर जाना। |
अजवायन की नास न छूटना | नादान होना। |
अधखिली कली | पूर्ण यौवन प्राप्त नहीं। |
अंटा खाना | हार जाना। |
अब न तब | कभी भी काम पूरा होने की आशा नहीं। |
अभिन्न हृदय | सच्चा मित्र । |
अलिफ से वे न कहना | जो कहा जाए वही करना। |
इधर का उधर | नष्ट-भ्रष्ट करना। |
इस कान से सुनकर उस उड़ा कान से देना | ध्यान न देना। |
ईंट का घर मिट्टी होना | अच्छा काम बिगड़ जाना। |
इक्का-दुक्का | थोड़े से। |
इक्के का काट | एकता का प्रभाव। |
उठा न रखना | कोई कसर न रखना। |
उलटे छुरे से मूँड़ना | मूर्ख बनाकर स्वार्थ सिद्ध करना। |
ऊपर हाथ होना | कृपा होना। |
उल्लू बनाना | बेवकूफ बनाना। |
ऊँट की गरदन | लंबी भद्दी गरदन । |
ऊँट की पूँछ से पूँछ बाँधना | एक के पीछे एक चलना। |
उलटा बिच्छू | उलटा प्रभाव। |
उल्लू की दुम का पट्ठा | मूर्ख। |
एक आवाज | संगठित माँग या विचार प्रकट करना। |
एक खून | जातीय प्रभाव। |
एक जबान | मिलकर एक साथ । |
एक टक | पलक झपकाए बिना। |
एक प्याला एक निवाला | एक ही साथ खाने-पीनेवाला । |
एक प्राण दो शरीर | घनिष्ठ मित्र । |
एक-एक करके | फूट डालकर । |
एक-एक की दस-दस बनाना | झूठी बातें मिलाना । |
ऐबों पर परदा डालना | अवगुण छिपाना। |
औघड़ की झोली | तरह-तरह की करामाती चीजों का संग्रह | |
औघट घाट चलना | असली रास्ता छोड़कर चलना। |
कलम रख देना | लिखना बंद कर देना। |
कलम तोड़ना | बहुत ही अच्छा लिखना। |
काटो तो खून नहीं | अत्यंत भयभीत होना । |
काट करना | फुसलाना, चुगली करना । |
कदम छूना | विनय करना । |
कभी दिन बड़े, कभी रात बड़ी | सदा एक सी स्थिति नहीं रहती। |
कमर पर हाथ रखना | निर्बल होना। |
कलेजा खाना | अधिक तंग करना । |
कलेजा ठंडा होना | शांति मिलना। |
कलेजा थामना | जी कड़ा कर लेना, मन मसोसना। |
कलेजा पानी होना | दया आना। |
कसौटी पर कसना | अच्छी तरह जाँच करना । |
कान खड़े होना | आश्चर्यचकित हो जाना। |
कहीं का न छोड़ना | सब तरह से बरबाद कर देना। |
कान खाना | परेशान करना । |
काला कलेजा | दुष्ट हृदय । |
कालापानी | घोर कारावास, आजन्म कैद। |
काले कोस होना | अधिक दूरी । |
शोर मचाना | जोर से बोलना, गुल-गपाड़ा करना । |
कान में तेल डाले बैठे रहना | सुनी को अनसुनी करना । |
कान फूँकना | उपदेश या मंत्र देना। |
कायापलट होना कान पर जूँ न रेंगना | रूप बदल जाना। |
कान पर जूँ न रेंगना | ध्यान न देना। |
काम आना | लड़ाई में मारा जाना। |
काम निकालना | स्वार्थ सिद्ध करना। |
काँटा निकल जाना | रुकावट मिट जाना। |
काँटेबाजी | छल-कपट । |
काँटे से काँटा निकालना | परिस्थिति के अनुसार युक्ति लगाना। |
कटे पर नमक छिड़कना | कष्ट पर कष्ट देना। |
कल कभी नहीं आता | भविष्य पर काम छोड़ना ठीक नहीं। |
काल के गाल में जाना | मृत्यु के निकट जाना। |
किनारा करना | अलग हो जाना। |
किरकिरा हो जाना | बिगड़ जाना । |
किरकिरी पड़ना | अचानक कष्ट पड़ना |
किताब का कीड़ा होना | अधिक पढ़नेवाला । |
किस खेत की मूली | नाचीज । |
किस्मत लड़ना | अनायास सफलता मिलना । |
किस्मत फूटना | अनायास दैवगति से कार्य बिगड़ जाना । |
किस्मत आजमाना | भाग्य के भरोसे काम करना । |
किस्मत का बदा | दैवेच्छा। |
किस मर्ज की दवा | किस काम का। |
कुत्ते की मौत मरना | अत्यंत पीड़ा सहकर अपनों से बिछुड़ कर मरना । |
कुआँ खोदना (किसी के लिए) | हानि पहुँचाना। |
कुआँ देखते फिरना | मरने की चेष्टा करना । |
कूच बोलना | चल देना। |
कूड़े पर गुलाल डालना | कृतघ्न के साथ नेकी करना । |
कूप-मंडूक होना | अत्यंत सीमित ज्ञान होना । ड्यूटी पूरी न करना । |
कुरसी तोड़ना | हर एक शर्त पर । |
किसी भी कीमत पर | बेगारी, केवल पैसे के लालच में साथ |
किराये के टट्टू | देने वाले। |
कोख को आँच | संतान का वियोग । |
कोख में पत्थर पड़ना | कपूत का पैदा होना। |
कोख का हीरा | सपूत। |
कोदों देकर पढ़ना | कम पढ़ा-लिखा होना । |
कौड़ी काम का नहीं | बेकार, निकम्मा । |
कौन सा मुँह लेकर जाना | लज्जा के कारण मिलने से अनिच्छा होना। |
किस गली के | कोई ठिकाना न होना। |
कृपा-कटाक्ष करना | दयापूर्वक देखना। |
कृपा-कोर | दया भाव । |
कृपा - पात्र | दया का अधिकारी, दया करने योग्य । |
क्रोधाग्नि में पड़ना | क्रोध के कारण क्लेश पाना। |
क्रिया-करम करना | मृतक संस्कार करना । |
केर-बेर का संग होना | विरुद्ध स्वभाव वालों का मिलना। |
खप जाना | सब के काम में आ जाना। |
खाक चाटना | तबाह होना । |
खार खाना | जलना, द्वेष रखना । |
खिल्लियाँ उड़ाना | दिल्लगी करना, व्यंग्य करना |
खुल पड़ना | साफ-साफ कह डालना। |
खुलेआम | सबके सामने । |
खुले खजाने | प्रकट रूप में। |
खून पर आमादा | कत्ल करने के लिए तैयार। |
खूनी आँख | क्रोध से भरी हुई आँख । |
खूनी हाथ | हत्यारे के हाथ । |
खेलना खाना | आनंद से जीवन बिताना। |
गज़ब ढाना | आश्चर्य का काम करना । |
गज भर की छाती होना | उत्साही या साहसी होना। |
गठरी मारना | अनीति से धन कमाना। |
गड्ढे में गिरना | पतित होना। |
गप्पें लड़ाना | बेकार की बातें करना । |
गरदन उठाना | प्रतिवाद करना । |
गरदन झुकाना | अधीनता स्वीकार कर लेना। |
गरदन काटना | हानि पहुँचाना । |
गरदन फँसाना | विवश या काबू में होना या संकट में पड़ना। |
गरम होना | नाराज होना । |
गाढ़ी छनना | चैन से जीवन बीतना । |
गैर का सिर पंसेरी भर | औरों की परवाह न करना । |
गले मढ़ना | इच्छा के विरुद्ध लाद देना । |
गले लगाना | भेंट करना, प्रेम करना । |
गला फँसाना | संकट में डालना। |
गड़े पत्थर उखाड़ना | केवल धमकी देना, पुरानी कटु बातों की याद दिलाना। |
गाँठ काटना | ठगना, ठग लेना । |
गिन-गिनकर पैर रखना | सावधानी बरतना । |
गिन-गिनकर दिन काटना | बहुत कष्ट में समय बिताना। |
गिरगिट की तरह रंग बदलना | अवसरवादी होना । |
गुरूघंटाल | अधिक चालाक। |
गुस्सा पीना | क्रोध रोकना |
गूँगे का गुड़ | अनुभव होने पर भी प्रकट करने की शक्ति न होना। |
गाँठ का पलोथन लगाना | पास से कुछ खर्च करके दूसरे का काम करना । |
गूलर के फूल होना | दुर्लभ वस्तु। |
गोकुल का कन्हैया | सर्वप्रिय, ठाठ से रहनेवाला । |
गोली मारना | त्याग देना। |
गोबर गणेश | निपट बुद्ध । |
गोकुल गाँव का रास्ता ही अलग | सबसे न्यारी रीति । |
गंध तक न आना | बिलकुल प्रमाण न मिलना। |
गोदी भरना | पुत्र पैदा होना । |
गोदी पसारना | विनयपूर्वक याचना करना । |
गुड़ देकर मारना | स्नेह दिखाकर विश्वासघात करना |
गुड़ न देना गुड़ की सी बात करना | कुछ सहायता न कर सकने सहानुभूति दिखाना। |
घर बैठे गंगा आना | अनायास ही लाभ हो जाना। |
घर का आदमी | घनिष्ठ । |
घर काटने को दौड़ना | घर में जी न लगना। |
घर की खेती | अपनी चीज। |
घर का घर ही में रहना | हानि-लाभ बराबर होना। |
घर में भूँजी भाँग न होना | कंगाल होना। |
घर-घर में मटिया के चूल्हे हैं | सब की दशा एक सी ही है। |
घर बैठे | आप ही आप । |
घाव हरा होना | भूला हुआ दुःख याद आ जाना। |
घुल-मिल जाना | एक हो जाना, प्रगाढ़ स्नेह । |
घुल-घुलकर मरना | अधिक समय तक बीमार रहने के बाद मरना । |
घूँसों में उधार क्या | तत्काल ही काम पूरा होना । |
घुटा हुआ | बहुत ही चालाक |
घट में राम बसना | दया आ जाना। |
घोंटकर पी जाना | रटकर याद कर लेना । |
घुटी रकम | चालाक। |
घट के पट खोलना | ज्ञान से काम लेना। |
घूँघट की लाज | सतीत्व की मर्यादा। |
घिग्घी बँधना | डर के मारे बोल न निकलना । |
चक्कर में डालना | भ्रम पैदा कर देना। |
चचा बनाकर छोड़ना | बदला लेकर छोड़ना । |
चबा-चबाकर बातें करना | भेद छिपाते हुए बातें करना । |
चबे को चबाना | किए हुए काम को फिर से करना । |
चल बसना | मर जाना। |
चारों खाने चित्त आना | बुरी तरह हारना । |
चित्त पर चढ़ना | पसंद आना। |
चरण पड़ना | अनुनय करना । |
चूड़ियाँ सलामत रहना | सौभाग्य बना रहना । |
चेहरे पर हवाइयाँ उड़ना | डर जाना । |
चोटी का | सबसे अच्छा । |
एड़ी-चोटी का जोर लगाना | भरसक प्रयत्न करना । |
चोटी हाथ में होना | वश में होना । |
चोला बदलना | नया रूप बनाना । |
चूहों की कबड्डी | अन्नाभाव । |
चौका लगाना | सर्वनाश कर लेना । |
चौपट-चरण आना | किसी के आते ही अनिष्ट होना। |
जल भुनना | डाह करना । |
जड़ न रखना | बिलकुल नष्ट कर देना। |
जवानी का नशा | अज्ञान। |
जवानी की नींद | बहुत सोना। |
जान छूटना | संकट से बच जाना। |
जी खोलकर | संकोच छोड़कर। |
जी चुराना | काम करने में टालमटोल करना । |
जी जान से | सब प्रकार से । |
जूतों से खबर लेना | जूते से पीटना। |
जोंक लगना | चिंता लगना । |
ज्वालामुखी फट पड़ना | विद्रोह या अशांति फैल जाना। |
झूमने लगना | आनंद विभोर हो जाना। |
झोली डालना | भीख माँगना । |
झड़ी लगाना | अधिकता कर देना । |
टरका देना | बहाना बनाकर लौटा देना । |
ठुकरा देना | स्वीकार न करना । |
ठकुरसुहाती करना | चापलूसी करना, हाँ में हाँ मिलाना। |
ठेका लेना | जिम्मेदारी उठाना । |
ठेल देना | जबरदस्ती भेजना। |
ठंडा बुखार | प्रेमरोग, मानसिक चिंता । |
डुग्गी पीटना | घोषणा करना । |
डोलती नैया | आशंकामय स्थिति। |
डाल-पात की हानि | सर्वनाश । |
ढोल की पोल | बड़ों के ऐब । |
ढलते भानु | बुढ़ापे का आना । |
ढंग पर आना | सुधर जाना। |
तलवार उठ जाना | लड़ाई होना । |
तलवार की छाया | युद्ध होना । |
तलवार का बल | बाहुबल या युद्धबल |
तीतर लड़ाना | झगड़ा करवा देना। |
तेल की धार देखना | परिस्थिति को देखना । |
धूल देना | चुनौती देना। |
धूल को न पहुँचना | बराबरी न कर सकना । |
धूल भरा हीरा | दरिद्र सुपुत्र । |
धूल फाँकना | मारा-मारा फिरना । |
धूल में मिलाना | बरबाद कर देना। |
धूल उड़ाना | नष्ट-भ्रष्ट कर जाना। |
धब्बा लगना | कलंक लगना । |
धौंसा बजाना | विजय सूचना या संग्राम की तैयारी । |
नाक में कौड़ी डालना | बेबस बना रखना। |
नक्कू खाँ | बात वाला। |
नजर रखना | देखभाल या सावधानी रखना । |
नजर करना | भेंट करना, देना। |
नजरों पर चढ़ना | खटकना, संदेह हो जाना। |
नूर रखना | आबरू बचाना । |
नंगा चित्र | असलियत । |
नाक पर गुस्सा रहना | शीघ्र ही गुस्सा आ जाना। |
नौ और नौ ग्यारह, दो मिलाकर बीस | किसी तरह भी हिसाब पूरा करना । |
नौजी रखना | मरजी के अनुसार काम करना, बेपरवाह । |
नोंक-झोंक | शेखियाँ, मुकाबला, तकरार । |
पसीना गुलाब होना | समृद्धि के दिन होना। |
पसीने पर लहू बहाना | किसी का थोड़ा भी कष्ट देखकर अपना बलिदान कर देना। |
पसीना छूट जाना | अधिक भयभीत होना । |
पंच परमेश्वर होते हैं | पंच अन्याय नहीं करते । |
प्रेम अंधा होता है | प्रेमी को आगा-पीछा नहीं सूझता । |
प्यासे अरमान | अभिलाषा का पूर्ण न होना। |
पत्थर को पसीना नहीं आता | कठोर को दया नहीं आती। |
पत्थर पसीज उठना | निर्दयी को भी दया आ जाना। |
पत्थर पर कमल खिलना | असंभव बात का संभव होना । |
प्राण पखेरू उड़ना | मृत्यु हो जाना। |
प्राणों की भीख माँगना | मरने से बचने के लिए प्रार्थना करना। |
प्राण-दान देना | मारने से बचा देना। |
प्राण कंठगत | मरणासन्न। |
फिल्मी मुहब्बत | बनावटी प्रेम । |
फौज बड़ी या औज | सेना की अपेक्षा युक्ति से काम अच्छा बनता है। |
बादल छाना | घटना या लक्षण दिखाई देना। |
बंध बाँधना | इंतजाम करना। |
वज्रपात होना | बड़ी मुसीबत आना। |
बेल बढ़ना | उन्नति होना, वंश चलना। |
बिना मुकुट का राजा | लोकप्रिय । |
बेदाग छूटना | कलंक या दंड से मुक्त हो जाना। |
वज्र बेशरम | बहुत ही निर्लज्ज । |
बजा हुआ | नामी । |
बंजारे का डेरा | बेघरबार होना, इधर-उधर घूमना । |
बनती के साथी | अच्छे दिनों के मित्र, स्वार्थी । |
बीसों बिस्वे | सब तरह । |
बेजबान होना | अबोध, भोला, संकोची । |
बूदम बे दिमाग | मूर्ख। |
बोझ डालना | दबाव डालना। |
बेकारी महकमा का जमादार | बेकार । |
बसंत की खबर न होना | स्थिति न समझना। |
भैरवी गाना | चैन करना, मस्त रहना । |
भोलानाथ | भोलाभाला। |
भूल-चूक लेनी- देनी | गलती रह जाए तो लेन-देन की शर्त होना । |
भंग की तरंग | मस्ती । |
भंग खा लेना | अंट-शंट बातें करना । |
भँवर में पड़ना | चक्कर में आना, उलझन में पड़ना । |
भूँजी भाँग न होना | कुछ भी न होना । |
भात सड़ना | जाति की जेवनार रुक जाना। |
मकर गाँठना | फरेब करना । |
मखमली जूता मारना या मखमल में लपेटकर मारना | मीठी-मीठी बातों से लज्जित करना, व्यंग्य करना। |
मन का राजा | स्वतंत्र । |
मन की प्यास | अभिलाषा। |
मनहूस शक्ल देखना | बुरे आदमी से भेंट करना। |
मुँह में दाँत न होना | सामर्थ्य न होना । |
मुँह होना | साहस या शक्ति होना । |
महँगा पड़ना | घोर परिणाम निकलना, नुकसान होना। |
मूँछ न रखना | हार मान लेना, अपमानित करना या होना। |
मूँछों पर ताव देना | अहंकार जतलाना। |
मूँछ नीची होना | इज्जत जाना। |
मूँछ मुड़ाना | गमी मनाना, हार मानना । |
मल्हार अलापना | चैन करना । |
मुँह लेकर रह जाना | लज्जित या निराश होना । |
मुर्दा दिल | निकम्मा । |
यमराज का वारंट आना | मौत की घड़ी पास होना । |
यममूर्ति | भयंकर । |
यमराज का द्वार देख आना | मरकर जीवित हो जाना। |
रामराज्य | सुख-शांति का समय । |
रत्न की परख | सुयोग्य की पहचान । |
रंज उठाना | दुःखी । |
रंगा सियार | कपटी । |
रंगे हाथों | तत्काल, उसी समय । |
लगी-लिपटी न रखना | साफ-साफ कह देना । |
ले-देकर | कठिनाई से। |
लाश पर लाश बिछ जाना | घोर मारकाट होना । |
वायु-वेग | अत्यंत तेज चाल । |
विश्वास खो देना | भरोसे के योग्य न रहना । |
शूली पर चढ़ना | अत्यंत कठिन काम करना। |
शूली पाना | मृत्युदंड पाना । |
शैतानी चक्कर | षड्यंत्र । |
शोले भड़कना | अशांति होना । |
शतरंज के मुहरे मिलना | नई-नई चालें सोचकर काम करना । |
स्वर्णयुग | सुख-शांति का समय। |
स्वर्णाक्षरों में लिखा जाएगा | सम्मान तथा कीर्ति का इतिहास बनेगा। |
सार्वजनिक जीवन | राजनीति या समाज की सेवा का काम । |
सार्वजनिक क्षेत्र में आना | राजनीति तथा समाज के कार्यों में भाग लेना। |
सार्वभौमिक धर्म पालन करना | एक ईश्वर, सत्य, प्रेम और दया को मानना । |
सुबह-शाम करना | टालमटोल करना। |
स्वर्ग-सुख | बहुत ही सुख । |
स्वर्ग सिधारना | मर जाना । |
स्वर्गवास होना | मर जाना । |
सुनहरे दिन | अच्छा समय । |
सोने का पानी | बनावट । |
हिय का हार | अत्यंत लाड़ला । |
हृदय का शूल | दुःख देनेवाला । |
हृदय सम्राट् | अत्यंत प्रिय । |
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